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आबकारी विभाग में जमकर हो रही है अपराधिक तत्वों की नियुक्ति……

रायगढ़/ शराब की बिक्री को लेकर आबकारी विभाग हमेशा विवादों के घेरे में रहा है अत्यधिक मात्रा में यानी थोक में सरकारी चिल्लर दुकानों से शराब का विक्रय खुलेआम जिले में किया जा रहा है जिसकी परिणति यह है कि ढाबों, होटलों और अन्य दुकानों में अंचल में शराब आसानी से मिल जाती है या उपलब्ध हो जाती है लेकिन यह शराब आती कहां से है निश्चित रूप से यह शराब इन दुकानदारों के द्वारा या कोच्चियों के द्वारा सरकारी आबकारी विभाग की दुकानों से जाती है वह भी सेटिंग के माध्यम से कहीं पर प्रति बोतल कुछ रुपए ऊपर देकर थोक में शराब सप्लाई की जाती है तो कहीं पर सेल्समेन और सुपरवाइजर से सेटिंग करके शराब का क्रय विक्रय किया जाता है इसी प्रकार की एक घटना विगत दिनों कोंडातराई शासकीय शराब दुकान में घटित हुई जिसमें नियुक्त सेल्समैन के द्वारा एक ही व्यक्ति को 48 बोतल शराब देते हुए पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा और कार्यवाही करते हुए धारा 34 (२) 59 (क) आबकारी एक्ट में रिमांड पर भेजा गया परंतु आबकारी विभाग के लोगों के मिली भगत का परिणाम देखिए एक दिन बाद ही वह व्यक्ति जमानत पर छूट कर पुनः सरकारी शराब दुकान में सेल्समैन के रूप में कार्य करने लगा है अगर विभाग और विभागीय अधिकारी थोक में शराब के विक्रय को संरक्षण नहीं दे रहे हैं तो इतनी जल्दी इस व्यक्ति की जमानत और पुनः नियुक्ति कैसे संभव हो सकती है क्या जिस व्यक्ति पर अपराध पंजीबद्ध हो गया है उसे सेल्समैन के रूप में नियुक्ति दी जा सकती है जबकि सेल्समैन की नियुक्ति के निर्धारित मापदंड में पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होता है अगर सूक्ष्मता से इसकी जांच की जाए तो अन्य दुकानों में भी इस प्रकार अपराधिक प्रकरण दर्ज लोगों की जानकारी मिल सकती है जिले भर में सारंगढ़ जिले के अलग होने के बाद 36 सरकारी शराब की दुकानें हैं जिसमें १४४ सेल्समेन और सुपरवाइजर कार्यरत है जिन की नियुक्ति वृत्त प्रभारीकी सहमति एवं प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यमसे की जाती है परंतु इनका कोई निर्धारित मापदंड नहीं है पूर्व में भी इन सेल्समैनों के द्वारा खरसिया और छल क्षेत्र की दुकानों से इस प्रकार थोक में शराब विक्रय और ओवर रेटिंग का कार्य किया जा चुका है जिसमें पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कुछ लोगों को जेल भी भेजा गया है अब कोंडातराय और पुसौर क्षेत्र में यह कार्य बड़े ही धड़ल्ले से किया जा रहा है तथा सेल्समैन और सुपरवाइजर को भिन्न भिन्न स्थानों से ट्रांसफर करके इस क्षेत्र की दुकानों में स्थानांतरित भी किया जा रहा है जिसे यह कार्य निर्बाध रूप से चलता रहे समय रहते उच्च अधिकारियों के द्वारा अगर इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो यह क्षेत्र में खटिया और छाल क्षेत्र की तरह खुलेआम शराब की बिक्री और कोचियों का क्षेत्र हो जाएगा

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